यूटिलिटी डेस्क. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमाधारकों को राहत देते हुए थर्ड पार्टी ऐडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) चुनने की सहूलियत दी है। इस बदलाव के बाद अगर अब आप इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं या फिर रिन्यूअल कराते हैं तो आप अपने अनुसार थर्ड पार्टी ऐडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) चुन सकेंगे। इरडा ने मंगलवार को एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बीमाधारक अपनी पसंद के टीपीए को चुन सकता है, जिसके साथ इंश्योरेंस कंपनी का सर्विस लेवल अग्रीमेंट है। हालांकि पॉलिसीधारक को बीमा कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए टीपीए में से ही टीपीए को चुनना होगा ।'
क्या है सर्कुलर?
पॉलिसी बेचते वक्त बीमा कंपनी ग्राहक को अपने पास मौजूद तमाम टीपीए की सूची उपलब्ध कराएगी, जिनमें से वह अपनी पसंद का टीपीए चुनेगा। अगर बीमा कंपनी टीपीए की सेवा खत्म करती है तो वह अपने पास मौजूद सभी टीपीए की सूची बीमाधारक को उपलब्ध कराएगी, जिनमें से बीमाधारक अपनी पसंद का टीपीए चुनेगा। पॉलिसी के रिन्यूअल के वक्त भी बीमाधारक को अपनी पसंद का टीपीए चुनने का अधिकार होगा।
क्या है थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर?
थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर बीमा देने वाली कंपनी और बीमा लेने वाले व्यक्ति के बीच एक मध्यस्थ के रूप में काम करता है। इसका मुख्य काम दावे और सेटलमेंट की प्रक्रिया में मदद करना है। टीपीए बीमा लेने वाले व्यक्ति को कार्ड जारी करता है, जिसे दिखाकर ही किसी अस्पताल में कैशलेस इलाज कराया जा सकता है। किसी दावे के वक्त बीमा लेने वाला व्यक्ति टीपीएस को ही पहले सूचना देता है। इसके बाद उसे संबंधित अस्पताल में जाने के लिए कहा जाता है। यह बीमा कंपनी के नेटवर्क का अस्पताल होता है। इसके अलावा अगर ग्राहक दूसरे अस्पताल में भी इलाज कराता है तो इसका खर्च उसे रीइम्बर्समेंट के जरिए मिल सकता है।